"बहुत अखरती है जुदाई यारो की"


" बहुत अखरती है जुदाई यारो की"

 
बहुत अखरती है जुदाई यारो की
कहा तो हम इतना वक़्त साथ में गुजार दिया करते थे 
आज उस वक़्त का इंतज़ार करते महीनो बिता दिया करते है |
 
 बहुत अखरती है यादे  यारो की
फ़िज़ूल की बातो में नींद भुला दिया करते थे 
आज एक पल की मुलकात के लिए बहाने मारते है |
 
बहुत अखरती है  तन्हाई यारो की
एक रिंग पर सब दोड़े चले आते थे 
आज रिंग करने के लिए नाम सोचने पड़ते है |
 
बहुत अखरती है फ़िक्र यारो की
हजारो दोस्तों  की  लिस्ट नहीं बनानी  होती थी 
आज अपना कहने के लिए नाम स्क्रॉल करने पड़ते है |
 
बहुत अखरती है दूरियां यारो की
बीती बातो को याद किये बिना भी  साथ चल दिया करते थे
आज दुःख में साथी का अंदाज़ा लगाना पड़ता है |
 
बहुत अखरती है बैचेनी यारो की
उदासी का कारण बताये बिना भी ख़ुशी के बहाने मिल जाते थे 
आज अपने दुःख का कारण बताने भी सामने से जाना पड़ता है |
 
बहुत अखरती है स्मृति यारो की
दोस्तों की टोली में हमेशा न होने वाली की कमी खनकती थी 
आज दो दोस्त का मिल पाना भी मुश्किल  दिखाई पड़ता  है |
 
 बहुत अखरती है प्रथकता  यारो की
 हम बदल जायेंगे ये सोच कर हजारो वादे किया करते थे
 आज दोस्ती निभाने के लिए भी दोस्तों को याद दिलाना होता है ||


-हिमानी सराफ

 


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