"आज हमने हमारी कविता का शीर्षक कवि ही बना दिया"


"आज हमने हमारी कविता का शीर्षक कवि ही बना दिया"


आज हमने हमारी कविता का शीर्षक कवि ही बना दिया
मानो ऐसा लगा, जैसे कुछ गहरे राज ने हमें लिखना सीखा दिया
कभी ना ला सके जुबान पर अपने मन की बातो को 
इसलिए हमने कलम को ही हथियार बना लिया ।

आज हमने हमारी कविता का शीर्षक कवि ही बना दिया
मानो ऐसा लगा, जैसे कुछ कहानियों को हमने इन पन्नो में छुपा दिया
कभी सोच न सके कोन सच्चा साथी बनेगा इस दिल की किताब का 
इसलिए हमने मोहब्बत के लिए शिकार इस कलम को बना लिया |

आज हमने हमारी कविता का शीर्षक कवि ही बना दिया
मानो ऐसा लगा, जैसे कुछ ख्वाबों को मन में ही बसा दिया
कभी कह न सके पर कुछ तो बात है इस दिल की गहराई में
इसलिए तो इस बेजान कलम ने ही हमारे दुखो को मिटाने की वजह बना लिया ।

आज हमने हमारी कविता का शीर्षक कवि बना दिया
मानो ऐसा लगा, जैसे कुछ परिंदो को गाना ही सिखा दिया
कभी गा ना सके, पर हमारी दस्ताओ को इन शब्दों को सहारा बना लिया
इसलिए इस कलम से दोस्ती कर हमने इसे अपना साथी ही बना दिया ।

आज हमने अपनी कविता का शीर्षक कवि बना लिया
मानो ऐसा लगा, विराम रास्तों को जाना पहचाना बना दिया
कभी जा न सके, पर हमारी गुमनाम मंजिल को तय करने के लिए इस अवसर ने मुसाफिर बना दिया
इसलिए हमने इस कलम को ही अपना वजूद बना दिया ।।


-हिमानी सराफ 

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