"क्या बात कह दी उसने"


"क्या बात कह दी उसने"


हाथ में कलम लिए पन्नो को सजाना काम है मेरा.....
मोहब्बत को लब्जो में सजाने वाला यार है मेरा.....

बस यूंही बात कह दी उसने 
पहली मुलाकात की तोहिफ रख दी उसने
मन में विचार तो बहुत आए पर शर्माते हुए हां कर दी हमने ।

बातों बातों में मुलाकात की तारिक तय कर दी उसने
मेरी खूबसूरती को चमक दे दी उसने
लाल ड्रेस पहन कर आना यह शर्त रख दी उसने
बस फिर क्या शर्माते हुए हां कर दी हमने ।

जब मुलाकात का दिन आया तो तारीफ क्या कर दी उसने
जमाने भर की खुशी मेरे कदमों में रख दी उसने
उसने पूछा मेरे साथ खाना खाओगी
बस फिर क्या शर्माते हुए हां भर दी हमने ।

घबराहट भरी आवाज़ में प्यार का इजहार क्या किया उसने
ऐसा लगा मेरे मन की बात ही कह दी उसने
उसने पूछा शादी करोगी
बस फिर क्या होठ पर हसीं, आंखे झुकी और शर्माते हुए हां भर दी हमने ।

मेरा हाथ थामा तो जिंदगी ही बदल दी उसने
जैसे मेरी तकदीर को राह दे दी उसने
उसने पूछा शादी की तारिक को मंजूरी दे दु
बस फिर क्या शर्माते हुए नई जिंदगी को हां कर दी हमने ।।

- हिमानी सराफ

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