क्या है ये डर
"क्या है ये डर"
क्या है ये डर
जो मन की घबराहट को
चेहरे पर दिखा जाए
दरवाजे बंद होने पर भी
खिड़कियों से दस्तक दे जाए।
जो उड़ती उम्मीदों की मासूमियत को
खत्म कर जाए
सर पर छतरी होने पर भी
भीगा कर चला जाए ।
जो जीवन की कथनी को
आंखो से ही कहलवा जाए
चंद पानी की बूंद होने पर भी
बहा कर निकल जाए ।
संघर्ष की वो कहानियां
बचपन ही छीन ले जाए
मजबूत दीवार होने पर भी
बिजलियां घर में ही घुसा ले आये।
जो थके हारे इंसान का
जीवन ही नष्ट कर जाए
लाख कोशिश होने पर भी
इंसान के दिल में घर कर जाए ।।
- हिमानी सराफ
सुपर से ऊपर मेडम जी
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर विचार
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