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""पापा ""

साहस की सीमाएं है  जहा कही भी अंतर्मन में उन सीमाओं से परे है  संघर्ष मेरे पापा का है ख्यालों का मेला है जहा कही भी इन खुशियों के बाजार में उन भावनाओ से परे है स्वाभिमान मेरे पापा का है । जीवन की मिठास है जहा कही भी इस कामयाबी की उड़ान में हर उस कामयाबी के पीछे अनकही दुआएं मेरे पापा की है । बचपन की खट्टी मीठी यादें है जहा कही भी मन की तिजोरी में उन हर लम्हों के पीछे छिपी मुस्कान मेरे पापा की है । इतने काबिल नही है कि लोटा सके ये कर्ज इस जिंदगी में कभी भी पर हर उस कोशिश के पीछे छिपी ताकत मेरे पापा की है । जितनी भी खुशियां है इस पल में समेत कर रख दू आपके चरणों में क्योंकि आज हर दौलत से बडकर मेरे लिए आशीर्वाद मेरे पापा का है ।।